Thursday, December 13, 2018

मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री की होड़ में क्यों और कैसे पिछड़े

इतिहास खुद को दोहराता है. एक मायने में मध्य प्रदेश की राजनीति में भी 25 साल पुराना इतिहास रिपीट हो गया है.

1993 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर दिग्विजय सिंह और माधव राव सिंधिया में ही होड़ लगी थी, जिसमें बाजी दिग्विजिय सिंह के नाम रही थी.

इससे पहले भी 1985-90 में राजीव गांधी भी अपने दोस्त माधव राव को मुख्यमंत्री के लिए अर्जुन सिंह और मोती लाल वोरा पर तरजीह नहीं दे पाए थे.

इस बार राहुल गांधी अपने दोस्त ज्योतिरादित्य सिंधिया (दोस्ती की केमेस्ट्री समझनी हो तो संसद के अंदर नरेंद्र मोदी को लेकर राहुल के आंख मारने वाले वीडियो को देख लीजिए) को मध्य प्रदेश की कमान नहीं थमा पाए.

गुरुवार की सुबह साढ़े दस बजे के करीब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मीडिया के लोगों से कहा कि वे अलग-अलग जगहों से इनपुट ले रहे हैं, विधायकों से बात कर रहे हैं और लोगों से बात कर रहे हैं और जल्द ही मुख्यमंत्री के नामों का एलान हो जाएगा.

पहले बताया गया कि तीनों राज्य के मुख्यमंत्री के नाम शाम चार बजे एनाउंस हो जाएंगे लेकिन धीरे-धीरे इसमें घंटों की देरी देखने को मिली. मध्य प्रदेश में कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बताया जा रहा था.

ज्योतिरादित्य सिंधिया का दावा कई वजहों से मज़बूत माना जा रहा था, उनकी एक बड़ी वजह तो उनका सिंधिया राजघराने से ताल्लुक ही है, जो भारतीय राजनीति में एक स्थापित घराना रहा है. ज्योतिरादित्य सिंधिया भी बतौर राजनेता स्थापित हो चुके हैं.

सिंधिया को करना होगा इंतज़ार
बीते 16 साल में वे पांच बार लोकसभा के सांसद चुने जा चुके हैं और मनमोहन सिंह सरकार में सात साल तक सूचना एवं प्रौद्योगिकी, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के जूनियर मिनिस्टर रह चुके हैं, इसके बाद 2012 से 2014 तक वे बिजली मंत्रालय के स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्री भी रहे.

ऐेसे में 47 साल के ज्योतिरादित्य सिंधिया को सामने रखकर पार्टी राज्य में युवा नेतृत्व को आगे बढ़ा सकती थी लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया को अभी इंतज़ार करना होगा, इसका संकेत राहुल गांधी ने बहुत पहले ही दे दिया था.

मध्य प्रदेश के मंदसौर में जून, 2018 में अपनी चुनावी रैली में उन्होंने कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया की मौजूदगी में कहा था- हम लोगों के पास कमलनाथ जी मौजूद हैं, उनका अनुभव हमारे काम आएगा. अच्छी बात ये भी है कि युवा ज्योतिरादित्य भी हैं जो भविष्य हैं. हमारे पास वर्तमान और भविष्य दोनों हैं.

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